Friday 24 February 2017

जानते हैं नोटों पर गाँधी जी ही क्यों हैं


हमारे देश में क्रांतिकारियों की कमी नही थी लेकिन हमारे देश की करेंसी नोटों पर महात्मा गाँधी की फोटो ही क्यों? ये बात तो सच है देश को आजादी दिलाने में महात्मा गाँधी का बड़ा योगदान था, देश को आजादी दिलाने के लिए और भी क्रांतिकारी लड़े थे सूली पर चढ़े थे तो फिर गाँधी की फोटो ही क्यों? हम आपको बताते हैं कि नोट पर महात्मा गाँधी की फोटो क्यों हैं 
एक कारण तो हमे समझ आता है गाँधी जी इंडिया में हो या इंडिया से बाहर सबसे ज्यादा मान्यता देने के योग्य गाँधी जी ही थे जिन्हें हर कोई जानता था इंडिया में तरह-तरह के लोग हैं हर राज्य के लोग ये चाहते हैं कि करेंसी नोटों पर हमारे राज्य के हीरो की फोटो हो 
अब बात हिन्दू-मुसलमान के मजहब की भी थी अलग-अलग रिवाज़ के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके मजहब का कोई जाबाज़ की फोटो हो जितने तरह के लोग उतने तरह के ही मतभेद 

महात्मा गाँधी जी ही एक ऐसे व्यक्ति थे जो हर धर्म, मजहब और जाति के लोगों के बीच रह सकते थे, यही कारण था कि गाँधी जी को करेंसी नोटों पर लाया गया 
1987 में वह पहली बार 500 के नोटों पर नजर आने लगे और फिर 1996 से वह हर नोट पर दिखाई देने लगे हैं।
बापू से पहले भारतीय नोटों पर अशोक स्तंभ नजर आता था। आरटीआई ऐक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने जब यह जानना चाहा कि कैसे और कब से महात्मा गांधी की तस्वीर नोटों पर हैं, उन्हें आरबीआई द्वारा यह बताया गया कि इस बारे में कोई डॉक्युमेंट मौजूद नहीं है। आरबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि 1993 में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ने गांधी इमेज का सुझाव दिया था जिसे भारत सरकार ने अप्रूव कर दिया था।

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